डॉ बीके शर्मा – शिक्षा में सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों के युवा प्रवक्ता एवं पथ प्रदर्शक

जीवन के टेढ़े-मेढ़े रास्तों पर लड़खड़ाती मनुष्यता एवं शिक्षा के मलिन मार्गों को सही दिशा एवं दशा प्रदान करने के लिए एक युवा प्रोफेसर एवं प्रवक्ता डॉ बी के शर्मा आज राष्ट्रीय स्तर पर मानवीय शिक्षा सेवा के पर्याय माने जाते हैं। कहते हैं कि त्याग मजबूरी नहीं बल्कि मनुष्यता का एक आभूषण है। जिस उम्र के पड़ाव पर युवा अपने कैरियर और धन कमाने की असीम आकांक्षाओं के भंवर में गोते खाते हैं उस उम्र में राष्ट्रीय शिक्षा एवं मानव मूल्यों की सोच डॉ शर्मा को एक अलग पहचान दिलाती है।
यूं तो डॉ शर्मा भारतीय फाउंड्री संगठन, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं। अनेकों इंजीनियरिंग और प्रबंधन की पुस्तकों के लेखक डॉ शर्मा फिलवक्त ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन और शिक्षा मंत्रालय से शिक्षण और अनुसंधान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित भी हो चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मेलनों का न केवल आयोजन किया है वल्कि अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पत्रिकाओं में शोध पत्र भी प्रकाशित किए हैं। वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न जर्नल के संपादकीय बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं। वह इंडियन सोसाइटी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के लाइफ मेंबर होने के साथ साथ सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों की खोज के लिए यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज नामक संस्था की मिशन गतिविधियों में अपनी स्वैच्छिक सेवाओं के साथ-साथ राष्ट्रीय सेवा मिशन से जुड़कर विशिष्ट सेवा निशुल्क प्रदान कर रहे हैं।
शिक्षा में सेवा, मानव मूल्य, सह अस्तित्व और मनुष्यता के संदेशवाहक डॉ शर्मा मानवीय व्यक्तित्व, विकास एवं शिक्षा के पर्याय बन चुके हैं।

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