ज्ञात रहे कि अखिलेश शर्मा को भारत के राष्ट्रपति द्वारा भी आईटी क्षेत्र में नवाचार के लिए सम्मानित किया जा चुका है इसके अलावा उन्हें राजस्थान रत्न डॉट भारत अवार्ड भी मिला है।
अमेरिका से विशिष्ट स्पीकर के रूप में बोलते हुए सतीश पांडे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लार्ज लैंग्वेज मॉडल के माध्यम से प्रोग्रामिंग एवं अन्य स्किल्स में महारत हासिल करते हुए कैरियर बनाने की विस्तार से चर्चा की।
इस अवसर पर प्लेसमेंट, सॉफ्ट स्किल्स एवं हार्ड स्किल्स के साथ कैरियर बनाने की प्रक्रिया और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा करते हुए गेस्ट स्पीकर डॉ अपराजिता दीक्षित ने तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
यूनाइटेड किंगडम इंग्लैंड से एल्युमिनाई स्पीकर मिस मोनिका मंगनानी ने बताया कि जरूरी नहीं है कि सभी लोग प्रोग्रामर बनें । आईटी इंडस्ट्री में विभिन्न प्रकार के जॉब्स उपलब्ध हैं और अब यह जॉब्स समय के साथ बदलते जा रहे हैं जिनमें टेक्निकल राइटिंग का बड़ा स्कोप है।
कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डॉ भरत पाराशर ने कहा कि तकनीक और प्रबंधन को एक साथ मिलना चाहिए क्योंकि आईटी अनेक क्षेत्रों में अपना रोल प्ले कर रही है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रमुख है। हमें चाहिए कि हम सभी विभिन्न क्षेत्रों के लोग आईटी को अपना साधन बनाएं और ऑटोमेशन की दिशा में आगे बढ़े।
इस कार्यक्रम में उपस्थित डिजिटल डिप्लोमेट एवं कंप्यूटर साइंटिस्ट डॉ डीपी शर्मा ने कहा की तकनीक के बिना आज किसी व्यक्ति का सरवाइव करना मुश्किल है । मोबाइल और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी ने हर घर में प्रवेश कर लिया है और अब हम एक नए दौर की तरफ आगे बढ़ रहे हैं जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट कंप्यूटिंग के साधनों से हमारी दुनिया एक मेटा वर्ष दुनिया की तरफ आगे बढ़ रही है।
कॉन्फ्रेंस कन्वीनर डॉ महावीर सेन, सेक्रेटरी विपिन सिंह एवं उपप्राचार्य सुनील चौहान ने अपने रिसर्च पेपर प्रजेंट कर तकनीक के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम का संयोजन एवं एंकरिंग नलिनी रोहिया ने किया। जनसंपर्क अधिकारी डॉ मयंक शर्मा ने बताया कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर एप्लीकेशंस की राज्य स्तरीय मैरिट में द्वितीय एवं पंचम स्थान पर टॉप किए जाने पर साक्षी शर्मा एवं जेसिका भारद्वाज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।